सुरती भैंस (Surti Buffalo )
सुरती भैंस (Surti Buffalo) गुजरात ग्रुप (Gujarat Group) की महत्वपूर्ण जलीय / नदीय भैंस की नस्ल है। सुरती भैंसों का गृह क्षेत्र गुजरात के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है।सुरती भैंस शारीरिक आकार में मध्यम होती हैं और भारी नस्ल के रूप में जानी जाती हैं। ये भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों द्वारा आसानी से पाले जा सकते हैं। सुरती भैंसो को मुख्यत डेयरी फार्मो व् किसानो द्वारा दुग्ध उत्पादन के लिए पाला जाता है। भारत में वर्तमान में 220 जानवरों और पोल्ट्री की कुल देशी नस्लें हैं। पहले, कुल 212 नस्लें पंजीकृत थीं। दिसम्बर 2023 में, 8 नई नस्लों को पंजीकृत किया गया है, जिससे कुल पंजीकृत नस्लों की संख्या 212 से बढ़कर 220 हो गई है। भारत में वर्तमान में भैंसों की कुल पंजीकृत नस्ल 20 है।
Surti Buffalo Information
Conservation Status | Not at Risk |
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Scientific Classification |
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Breed Type | Indigenous Dairy Breed |
Alternate Names | Charotari, Deccani, Gujarati, Nadiadi, Talabda |
Origin | Surat, Gujarat, India |
Distribution |
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Breed Composition | Gujarat Group Breed |
Physical Traits |
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Milk Production |
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Breeding Traits |
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Population | 15.57 Lakh in Gujarat (2007 Census) |
The Rajasthan Express: Surti Buffalo Breed Details |
सुरती भैंस का मूल स्थान और वितरण (Origins and Distribution of Surti Buffalo) :
सुरती भैंस (Surti Buffalo) का जन्म स्थान गुजरात के सूरत , बड़ोदा , आणंद और नडियाद जिलों माना जाता है। सुरती भैंस का नाम गुजरात के सूरत जिले से पड़ा है। सुरती भैंस गुजरात के अलावा भारत के अन्य राज्यों जैसे राजस्थान , हरियाणा , पंजाब में पायी जाती है।
- सुरती भैंस (Surti Buffalo) राजस्थान के धौलपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर जिलों में भी पाई जाती है।
- इसका उत्पादन राजस्थान के गांवों और खेतों में मुख्य रूप से होता है।सुरती भैंस इन क्षेत्रो में अच्छे जीवनयापन करती हैं और किसानों के लिए आसानी से पाली जा सकती है।
- इनका दुग्धउत्पादन भी उच्च गुणवत्ता का होता है, जिस कारण किसानों के लिए आय का प्रमुख स्रोत हैं।
सुरती भैंस के अन्य नाम :
सुरती भैंस (Surti Buffalo) को विभिन्न क्षेत्रो में विभिन्न नामों से जाना जाता है।सुरती भैंस को मुख्यत : डेक्कन , गुजराती और नाडियाडी नामों से जाना जाता है।
गुजरात ग्रुप में आने वाली भैंस की नस्ल (Breed of buffalo coming in Gujarat group) :
सुरती भैंस की पहचान (Characteristics Of Surti Buffalo) :
1. रंग (Colour) :-
- सुरती भैंस का रंग काला व् भूरा होता है।
2. सींग (Horn) :-
- सुरती भैंस के सींग हँसियानुमा या दाँतली (Sickle Shaped) जैसे होते है।
3. आंख (Eye) :-
- सुरती भैंस की आँखे उभरी हुई होती है।
4. पूँछ (Tail) :-
- इनकी पूँछ की Switch सफ़ेद बालों वाली जो Fetlock Joint तक लटकी होती है।
Switch :- पूँछ के अंतिम सिरे पर बालों का गुच्छा।
5 . गर्दन (Neck) :
- सुरती भैंस के गर्दन (Neck) के नीचे 2 – 3 सफ़ेद धारियाँ पायी जाती है जो इस नस्ल की मुख्य पहचान है।
6. कान (Ear) :
- सुरती भैंस के कानों की सतह लाल और निचे की ओर सफ़ेद धारियाँ पायी जाती है।
7. शरीर (Body) :
- सुरती भैंस का शरीर मध्यम आकार का होता है।
8. Navel Flap (सुंडी) :
- इस नस्ल में सुण्डी (Navelflap) और Dewelap कम विकिसित होता है।
दुग्ध उत्पादन (Milk Production of Surti Buffalo) :
सुरती भैंस (Surti Buffalo) को मुख्यत : डेयरी फार्मो में दुग्ध उत्पादन के लिए पाला जाता है। सुरती भैंस एक ब्यात में 1550 – 1750 लीटर दुग्ध का उत्पादन करती है। सुरती भैंस का दुग्धकाल 292 दिन से 300 दिन तक होता है। सुरती भैंस के दुग्ध में 7.5 % फैट होती है।
दुग्ध उत्पादन (Milk Production) :- 1550 – 1750 Liter Per Lactation Period .
वसा उत्पादन (Fat Production ) :- 7.5 % Fat.
सुरती नस्ल की भैंस एक दिन में 16 – 17 लीटर दूध देती है।
भारत में पशुधन की आबादी 20वीं पशुधन गणना के अनुसार :
1. कुल पशुधन आबादी:
- 2019 में देश में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन है, जो 2012 की गणना की तुलना में 4.6% अधिक है।
2. कुल गायों की संख्या:
- 2019 में कुल गायों की संख्या 192.49 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में 0.8% ज्यादा है। देशी गायो में सबसे लम्बा दुग्धकाल ” गिर गाय (Gir Cattle) ” का होता है।भारत की देशी गायो में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन साहीवाल गाय करती है।
3. कुल भैंसों की संख्या:
- 2019 में भारत में कुल भैंसों की संख्या 109.85 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में लगभग 1.0% अधिक है।
भारत में भैंसों की आबादी विश्व की सबसे बड़ी है।
भारत में भैंसों की आबादी मुख्यत ग्रामीण क्षेत्रो में है। भारत में भैंसों की उपयोगिता दूध और मांस के लिए व्यापक रूप से है।सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस की नस्ल ” मुर्रा (Murrah Buffalo Breed) ” है।
गुजरात में सुरती भैंस की जनसंख्या :
- गुजरात में पशु गणना 2007 के अनुसार सुरती भैंस (Surti Buffalo) की जनसंख्या 15.57 लाख थी, जिसका विशेष नस्ल का अनुपात 17.74% था। यह आंकड़े दिखाते हैं कि सुरती भैंस की डेयरी फार्मो में कितनी महत्वपूर्णता है।
- वर्ष 1951 से मवेशियों और भैंसों की आबादी लगातार बढ़ रही है, जबकि 1997 तक मवेशियों की आबादी भैंसों से अधिक थी।
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People Also Ask
मुर्रा भैंस की कीमत कितनी है?
मुर्रा भैंस की कीमत शुद्ध नस्ल की मुर्रा भैंस के लिए औसतन 1,00,000 रुपये से 3,00,000 रुपये तक हो सकती है। सामान्य नस्ल (Mixed Breed) की मुर्रा भैंस की कीमत औसतन 50,000 रुपये से 1,50,000 रुपये तक हो सकती है।
मुर्रा भैंस की पहचान कैसे होती है?
मुर्रा भैंस की पहचान के लिए इसके रंग, सींग, सिर, कान, गर्दन, थन, पूंछ आदि के विशेषताओं का ध्यान रखा जाता है। इसका रंग काला स्याही होता है, सींग जलेबीनुमा होते हैं, सिर हल्का और छोटा होता है, कान छोटे और पतले होते हैं, गर्दन मादा में लंबी और पतली होती है तथा पूंछ लंबी होती है और हॉक जोड़ के नीचे लटकी रहती है।
कौन सी भैंस सबसे ज्यादा दूध देती है?
सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस की नस्ल मुर्रा है। इस नस्ल की भैंस एक ब्यात में औसतन 1680 – 2000 किलोग्राम दूध प्रतिवर्ष प्रक्षेपित करती हैं, जिसमें 7% तक फैट (Fat) होता है।
भदावरी भैंस की क्या पहचान है?
भदावरी भैंस की पहचान उनके शरीर की खासियतों से होती है। इनके शरीर का रंग मुख्यत: ताँबे जैसा होता है, जो इसकी मुख्य पहचान है। इसके सींग ऊपर की और मुड़े हुए होते हैं, शरीर का आकार मध्यम और फनाकार (Wedge Shape) होता है, सिर उभरा हुआ और छोटा होता है, गर्दन के निचले हिस्से में दो रेखाएँ होती हैं जिसे कंठी (Chevron) कहा जाता है, और पूँछ लंबी होती है और हॉक जोड़ (Hock Joint) के नीचे फेटलॉक जॉइंट (Fetlock Joint) तक लटकी रहती है और पूँछ पर सफ़ेद धब्बे (White Switch) होते हैं।
सुरती भैंस की पहचान कैसे करें?
सुरती भैंस की पहचान के लिए इसके शारीरिक गुणों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। इसका रंग काला और भूरा होता है, सींग हँसियानुमा या दाँतली जैसे होते हैं, और इसकी आंखें उभरी हुई होती हैं। इसकी पूंछ की स्विच सफेद बालों वाली होती है और गर्दन के नीचे 2-3 सफेद धारियाँ होती हैं। इसके कानों की सतह पर लाल और नीचे की ओर सफेद धारियाँ होती हैं।