NBAGR Registered Breeds : भारतीय देशी पशुओं के नए और पंजीकृत नस्लों की जानकारी”

भारत में पशुधन और पोल्ट्री की देशी नस्लों का पंजीकरण राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो (NBAGR) द्वारा किया जाता है। NBAGR (National Bureau of Animal Genetic Resources) का मुख्यालय हरियाणा के करनाल में स्थित है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पशु विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक (डीडीजी) की अध्यक्षता में गठित ब्रीड रजिस्ट्रेशन कमेटी (BRC) देश में नई पशु प्रजातियों और नस्लों के पंजीकरण की सर्वोच्च संस्था है। इस समिति की 12वीं बैठक 6 जनवरी 2025 को नई दिल्ली स्थित NASC में आयोजित हुई। इस बैठक में डॉ. राघवेंद्र भट्ट (डीडीजी, पशु विज्ञान) की अध्यक्षता में विभिन्न राज्यों की 10 नई पशु एवं कुक्कुट नस्लों के पंजीकरण को मंजूरी दी गई।

इससे पहले, ICAR के उप महानिदेशक (पशु विज्ञान), डॉ. जे.के. जेना की अध्यक्षता में 5 दिसंबर 2023 को आयोजित 11वीं बैठक में विभिन्न राज्यों की 8 नई पशुधन और कुक्कुट नस्लों को पंजीकृत किया गया था।

साल 2024 के अंत तक भारत में कुल 220 पंजीकृत नस्लें थीं। जनवरी 2025 में 10 नई नस्लों के पंजीकरण के बाद, भारत में अब कुल 230 देशी पशुधन और पोल्ट्री नस्लें हो गई हैं।

किसी भी नस्ल का पंजीकरण करने से पहले, यह आवश्यक होता है कि उस नस्ल में कम से कम 1,000 पशु मौजूद हों।

क्र. सं. प्रजाति (Species) नस्ल का नाम (Breed Name) मूल स्थान (Native Tract) पंजीकरण संख्या (Accession Number)
1 भैंस (Buffalo) मनाह (Manah) असम INDIA_BUFFALO_0200_MANAH_01021
2 कुत्ता (Dog) गद्दी (Gaddi) हिमाचल प्रदेश INDIA_DOG_0600_GADDI_19004
3 कुत्ता (Dog) चांगखी (Changkhi) लद्दाख INDIA_DOG_3800_CHANGKHI_19005
4 गधा (Donkey) लद्दाखी (Ladakhi) लद्दाख INDIA_DONKEY_3800_LADAKHI_05004
5 बत्तख (Duck) त्रिपुरेश्वरी (Tripureswari) त्रिपुरा INDIA_DUCK_1900_TRIPURESWARI_11004
6 बकरी (Goat) चौगर्खा (Chaugarkha) उत्तराखंड INDIA_GOAT_2400_CHAUGARKHA_06040
7 बकरी (Goat) बुंदेलखंडी (Bundelkhandi) उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश INDIA_GOAT_2010_BUNDELKHANDI_06041
8 सुअर (Pig) करकांबी (Karkambi) महाराष्ट्र INDIA_PIG_1100_KARKAMBI_09015
9 भेड़ (Sheep) खेरी (Kheri) राजस्थान INDIA_SHEEP_1700_KHERI_14046
10 याक (Yak) लद्दाखी (Ladakhi) लद्दाख INDIA_YAK_3800_LADAKHI_16002
क्र. सं. प्रजाति (Species) नस्ल का नाम (Breed Name) मूल स्थान (Native Tract) पंजीकरण संख्या (Accession Number)
1 मुर्गी (Chicken) अरावली (Aravali) गुजरात INDIA_CHICKEN_0400_ARAVALI_12020
2 बत्तख (Duck) अंडमानी (Andamani) अंडमान और निकोबार INDIA_DUCK_3300_ANDAMANI_11003
3 बकरी (Goat) अंजोरी (Anjori) छत्तीसगढ़ INDIA_GOAT_2600_ANJORI_06038
4 बकरी (Goat) अंडमानी (Andamani) अंडमान और निकोबार INDIA_GOAT_3300_ANDAMANI_06039
5 घोड़ा (Horse) भीमथडी (Bhimthadi) महाराष्ट्र INDIA_HORSE_1100_BHIMTHADI_07008
6 सुअर (Pig) अंडमानी (Andamani) अंडमान और निकोबार INDIA_PIG_3300_ANDAMANI_09014
7 भेड़ (Sheep) मछेरला (Macherla) आंध्र प्रदेश INDIA_SHEEP_0100_MACHERLA_14045
8 सिंथेटिक गाय (Synthetic Cattle) फ्रीजवाल (Frieswal) उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड INDIA_CATTLESYNTHETIC_2024_FRIESWAL_04001
क्र. सं. प्रजाति (Species) कुल देशी नस्ल (Total Native Breeds)
1 गाय (Cow) 53
2 सिंथेटिक गाय (Synthetic Dairy Cattle) 1
3 भैंस (Buffalo) 21
4 भेड़ (Sheep) 46
5 बकरी (Goat) 41
6 घोड़ा (Horse) 8
7 ऊँट (Camel) 9
8 सूअर (Pig) 15
9 मुर्गी (Chicken) 20
10 गधा (Donkey) 4
11 याक (Yak) 2
12 बत्तख (Duck) 4
13 गिज़ (Geese) 1
14 कुत्ता (Dog) 5
15 Tottal Breeds 230

भारत में कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में लगातार नवाचार हो रहे हैं, और 6 जनवरी 2025 को 10 नई नस्लों को पंजीकृत किया गया। इन नस्लों का उद्देश्य न केवल मांस और दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है, बल्कि विभिन्न जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियों में उनकी अनुकूलता को भी सुनिश्चित करना है। निम्नलिखित नस्लें इनकी विशेषताओं और लाभों के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं:

1. माणाह भैंस

माणाह भैंस एक द्विपरोजनीय नस्ल (Dual Purpose Breed) है, जिसे मुख्य रूप से दुग्ध उत्पादन और कृषि कार्यों के लिए पाला जाता है। यह भैंस असम राज्य के नलबाड़ी, कामरूप ग्रामीण, बारपेटा और गोलपारा जिलों में पाई जाती है। माणाह भैंस का औसत दूध उत्पादन 1.75 किलोग्राम प्रति दिन होता है और इसका उपयोग दूध के साथ-साथ बैलगाड़ी में भी किया जाता है।

2. चौगर्का बकरी (कुमाऊंनी बकरी)

उत्तराखंड राज्य की चौगर्का बकरी को मुख्य रूप से मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। यह बकरी विशेष रूप से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर जिलों में पाई जाती है। नर बकरा का औसत वजन 27 किलोग्राम और मादा बकरा का औसत वजन 24 किलोग्राम होता है। इसे कुमाऊंनी बकरी के नाम से भी जाना जाता है।

3. बुंदेलखंडी बकरी

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पाई जाने वाली बुंदेलखंडी बकरी मांस उत्पादन के लिए प्रमुख है। इनका आकार मंझोला होता है और यह काले रंग की होती हैं। इन बकरियों की लंबी दूरी तक घास चरने की क्षमता है, और ये झांसी, बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर और जालौन जिलों में पाई जाती हैं।

4. खेरी भेड़

राजस्थान राज्य के टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, नागौर, पाली और जोधपुर जिलों में पाई जाने वाली खेरी भेड़ लंबी और प्रभावशाली होती है। इनकी लंबी दूरी तक चलने की क्षमता के कारण किसान इस नस्ल को प्रवास के लिए पसंद करते हैं। ये भेड़े कठोर जलवायु परिस्थितियों में भी जीवित रह सकती हैं और चरागाहों की कमी होने पर भी जीवित रहती हैं।

5. कारकाम्बी सुअर

महाराष्ट्र राज्य के सोलापुर, पुणे और सातारा जिलों में पाया जाने वाला कारकाम्बी सुअर मुख्य रूप से मांस के लिए पाला जाता है। इनका औसत शरीर वजन नर में 45 किलोग्राम और मादा में 43 किलोग्राम होता है। इन सुअरों की विशेषता है कि वे स्वच्छता प्रणाली में पाले जाते हैं और इनकी संतान 2 से 10 तक होती है।

6. त्रिपुरेश्वरी बतख

त्रिपुरेश्वरी बतख त्रिपुरा राज्य की मूल निवासी है, और यह सेपाहीजला, गोमती, कोवई, ढलाई, दक्षिण, पश्चिम, उनोकोटी और उत्तर त्रिपुरा जिलों में पाई जाती है। इसे मुख्य रूप से अंडे और मांस के लिए पाला जाता है। इनकी औसत वजन 12 महीने में 1.199 किलोग्राम होती है और इनका वार्षिक अंडा उत्पादन 70 से 101 अंडों के बीच होता है।

7. लद्दाखी याक

लद्दाखी याक लद्दाख (संघ राज्य क्षेत्र) के लेह और कारगिल जिलों में पाया जाता है। यह याक मुख्य रूप से दूध, मांस, फाइबर, खाद, बैलगाड़ी और परिवहन के लिए पाला जाता है। नर याक का औसत वजन 250 किलोग्राम और मादा का औसत वजन 183 किलोग्राम होता है। यह याक आकार में मंझला होता है, लेकिन अरुणाचली याक से बड़ा होता है।

8. लद्दाखी गधा

लद्दाखी गधा लद्दाख क्षेत्र के लेह और कारगिल जिलों में पाया जाता है। यह गधा मुख्य रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाला जाता है, जहां कम ऑक्सीजन और ठंडे तापमान में परिवहन के लिए इसका उपयोग किया जाता है। नर गधे का औसत वजन 82 किलोग्राम और मादा का वजन 78 किलोग्राम होता है।

9. गड्डी कुत्ता

गड्डी कुत्ता हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, लाहौल स्पीति और किन्नौर जिलों में पाया जाता है। यह कुत्ता गड्डी जनजाति से जुड़ा हुआ है, जो लंबे समय से प्रवासी कृषि से जुड़ी हुई है। गड्डी कुत्ता मुख्य रूप से सुरक्षा के लिए पाला जाता है और इसका लिटर आकार 4 से 8 तक होता है।

10. चांगखी कुत्ता

चांगखी कुत्ता लद्दाख (संघ राज्य क्षेत्र) का मूल निवासी है। यह कुत्ता मुख्य रूप से मवेशियों की सुरक्षा के लिए पाला जाता है, जैसे कि बकरियां और भेड़ें, ताकि यह हिम तेंदुए, जंगली जानवरों और अन्य शिकारी से उनकी रक्षा कर सके।

1. गाय की नस्ल : 

  • फ्रिसवाल गाय :  भारत की पहली सिंथेटिक गाय की नस्ल फ्रिस्वाल है। यह एक सिंथेटिक डेयरी पशु है जिसमें साहीवाल (37.5) और हॉलस्टीन फ्रीजियन (62.5) का लक्षण है। यह नस्ल देश के कृषि-जलवायु क्षेत्रों के लिए अनुकूल है।
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2. भेड़ की नस्ल : 

  • मचरेला भेड़ : मच्रेला आंध्रप्रदेश के प्रमुख भेड़ की नस्ल है।

यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के गुनुटुर, कृष्णा और प्रकाशम जिलों की मांस के लिए भेड़ की नस्ल है। ये भेड़  मध्यम से बड़े आकार की होती हैं। 

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इनकी खाल का रंग सफेद होता है और शरीर, चेहरा और पैरों में बड़े काले या भूरे पैच होते हैं। मचरेला भेड़ के नर मेंढे का औसत शरीर का वजन 43 किलोग्राम होता है।

3. घोड़े की नस्ल : 

  • भीमथाड़ी घोडा : भीमथाड़ी महाराष्ट्र राज्य का प्रमुख घोड़े की नस्ल है।

भीमथाड़ी बोझा ढोने वाली घोड़े की प्रमुख नस्ल है। यह महाराष्ट्र के पुणे, सोलापुर, सातारा और अहमदनगर जिलों में पायी जाती है।

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भीमथाड़ी घोड़े (Stallion) की औसत ऊँचाई लगभग 130 सेमी है और घोड़ी (Mare) की 128 सेमी है। भीमथाड़ी घोड़े को मुख्य रूप से बोझा ढोने के लिए में उपयोग किया जाता हैं।

4. सूअर की नस्ल : 

  • अंडमानी सूअर : अंडमानी सूअर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्रमुख सूअर नस्ल है।
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5. बकरी की नस्ल : 

   1. अँजोरी बकरी :  छत्तीसगढ़ की प्रमुख बकरी नस्ल है।

यह एक मध्यम आकार की बकरी है, जिसे मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। अँजोरी बकरी छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कांकेर, धमतरी, महासमुंद जिलों में पायी जाती है। अँजोरी बकरी का रंग मुख्यत भूरा होता है। यह कठोर है और स्थानीय जलवायु के अनुकूल है।

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   2. अंडमानी बकरी : अंडमानी (अंडमान व् निकोबार) में भी बकरी की एक नई नस्ल है।

यह एक मध्यम आकार की बकरी है, जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मध्य और उत्तरी अंडमान जिलों में मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। ये बकरी अण्डमान व निकोबार की जलवायु में अच्छी तरह से सहनशील होती हैं।

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6. मुर्गी की नस्ल : 

  • अरावली मुर्गी : अरावली गुजरात की प्रमुख मुर्गी की नस्ल है। 
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यह एक द्वि उद्देश्यीय (Dual Purpose Breed) मुर्गी है। जिसे मांस उत्पादन और अंडे उत्पादन के लिए उपयोग में लिया जाता है। अरावली मुर्गी की नस्ल मुख्यत  गुजरात राज्य के बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली और महिसागर जिलों में पायी जाती है।

7. बतख की नस्ल : 

  • अंडमानी बत्तख़ : अंडमानी बतख अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्रमुख बतख नस्ल है।

यह एक द्वि उद्देश्यीय (Dual Purpose Breed) बतख की नस्ल है। जिसका वितरण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निम्बुदेरा से डिगलीपुर क्षेत्र तक होता है। अंडमानी बतख की नस्ल का संपूर्ण शरीर काले पंखों से ढ़का हुआ होता है , जिसमें गले के नीचे सफेद निशान होते हैं जो पेट तक फैल रहते हैं। 

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अंडमानी बत्तख के वयस्क पक्षी के शरीर का वजन 1406 gm होता है। अंडमानी  बत्तख की नस्ल एक वर्ष में 266 अंडे का उत्पादन करती है।

People Also Ask

भारत में जानवरों और पोल्ट्री की देशी नस्लों का पंजीकरण किसके द्वारा किया जाता है ?
NBAGR (राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो) द्वारा।
NBAGR का पूरा नाम क्या है ?
राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो (National Bureau of Animal Genetic Resources).
भारत में वर्तमान में जानवरों और पोल्ट्री की कुल देशी नस्लों की संख्या कितनी हैं ?
230 जानवरों और पोल्ट्री की कुल देशी नस्लें हैं।
नई नस्ल का पंजीकरण करने से पहले क्या जरूरी है ?
नई नस्ल में कम से कम 1000 पशु होना आवश्यक है।
भारत में हाल ही में पंजीकृत 10 नई नस्लों में कौन सी नस्लें शामिल हैं?
6 जनवरी 2025 को पंजीकृत 10 नई नस्लों में निम्नलिखित नस्लें शामिल हैं:
  • माणाह भैंस (असम)
  • गड्डी कुत्ता (हिमाचल प्रदेश)
  • चांगखी कुत्ता (लद्दाख)
  • लद्दाखी गधा (लद्दाख)
  • त्रिपुरेश्वरी बतख (त्रिपुरा)
  • चौगर्का बकरी (उत्तराखंड)
  • बुंदेलखंडी बकरी (उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश)
  • कारकाम्बी सुअर (महाराष्ट्र)
  • खेरी भेड़ (राजस्थान)
  • लद्दाखी याक (लद्दाख)
भारत में भैंस की कितनी पंजीकृत नस्लें हैं?
भारत में भैंस की 21 पंजीकृत नस्लें हैं।
भारत में भेड़ की कितनी पंजीकृत नस्लें हैं?
भारत में भेड़ की 46 पंजीकृत नस्लें हैं।
एनबीएजीआर में कितनी नस्लें पंजीकृत हैं?
कुल देशी नस्ल (NBAGR Registered Breeds) की संख्या 230 है।
भारत की पहली सिंथेटिक गाय की नस्ल कौनसी है?
भारत की पहली सिंथेटिक गाय की नस्ल फ्रिस्वाल (Frieswal) है। यह एक सिंथेटिक डेयरी पशु है जिसमें साहीवाल (Sahiwal) और हॉलस्टीन फ्रीजियन (Holstein Friesian) का लक्षण है। यह नस्ल भारत के कृषि-जलवायु क्षेत्रों के लिए अनुकूल है।
चौगर्का बकरी कहाँ पाई जाती है और इसके क्या लाभ हैं?
चौगर्का बकरी उत्तराखंड राज्य में पाई जाती है, और यह विशेष रूप से मांस उत्पादन के लिए पाली जाती है। नर बकरा का औसत वजन 27 किलोग्राम और मादा का औसत वजन 24 किलोग्राम होता है। इसे कुमाऊंनी बकरी भी कहा जाता है।
भारत में माणाह भैंस की विशेषताएँ क्या हैं?
माणाह भैंस असम राज्य की एक द्विपरोजनीय नस्ल है, जो मुख्य रूप से दुग्ध उत्पादन और कृषि कार्यों में उपयोग होती है। इसका औसत दूध उत्पादन 1.75 किलोग्राम प्रति दिन होता है। यह नस्ल असम के नलबाड़ी, कामरूप ग्रामीण, बारपेटा और गोलपारा जिलों में पाई जाती है।
भारत में पंजीकृत बकरियों की कुल कितनी नस्लें हैं?
भारत में 41 पंजीकृत बकरी की नस्लें हैं, जिनमें चौगर्का और बुंदेलखंडी बकरी नई पंजीकृत नस्लें हैं।
भारत में भेड़ की कितनी पंजीकृत नस्लें हैं?
भारत में कुल 46 पंजीकृत भेड़ की नस्लें हैं, जिनमें खेरी भेड़ 5 जनवरी 2025 को पंजीकृत की गई है।
भारत में कुत्तों की कितनी पंजीकृत नस्लें हैं?
भारत में कुल 5 पंजीकृत कुत्तों की नस्लें हैं, जिनमें गड्डी कुत्ता और चांगखी कुत्ता 5 जनवरी 2025 को पंजीकृत किए गए हैं।
भारत में लद्दाखी याक का क्या महत्व है?
लद्दाखी याक लद्दाख क्षेत्र में पाला जाता है और यह मुख्य रूप से दूध, मांस, फाइबर और बैलगाड़ी के लिए उपयोग किया जाता है। यह उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जीवनयापन के लिए विशेष रूप से अनुकूल है।
भारत में पंजीकृत बत्तख की नस्लें कौन सी हैं?
भारत में कुल 4 पंजीकृत बत्तख की नस्लें हैं, जिनमें त्रिपुरेश्वरी बतख प्रमुख है, जो मुख्य रूप से मांस और अंडे के लिए पाली जाती है।