मगरा भेड़ (Magra Sheep)
भारत में वर्तमान में भेड़ो की कुल 45 पंजीकृत देशी नस्ल है। इनमें “मगरा भेड़” एक प्रमुख नस्ल है। मगरा भेड़ राजस्थान की एक विशिष्ट नस्ल है जो अपनी अनूठी शारीरिक संरचना और अनुकूलन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। मगरा भेड़ मुख्यत : राजस्थान के बीकानेर जिले में पाई जाती है। भारत में वर्तमान में 220 जानवरों और पोल्ट्री की कुल देशी नस्लें हैं। पहले, कुल 212 नस्लें पंजीकृत थीं। दिसम्बर 2023 में, 8 नई नस्लों को पंजीकृत किया गया है, जिससे कुल पंजीकृत नस्लों की संख्या 212 से बढ़कर 220 हो गई है। इस ब्लॉग में हम मगरा भेड़ की विभिन्न विशेषताओं, उनकी प्रबंधन प्रथाओं और आर्थिक महत्व पर चर्चा करेंगे।
Magra Sheep Information
Conservation Status | India: Not at risk Rajasthan: Vulnerable |
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Scientific Classification |
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Breed Type | Indigenous: Magra Sheep |
Alternate Names | Chakri, Bikaneri, Raata Chakriya |
Country of Origin | India: Rajasthan (Bikaner, Loon Karan Sar, Nokha) |
Genetic Composition | 100% Indigenous Indian Breed |
Distribution | Primarily found in Rajasthan (Bikaner, Loon Karan Sar, Nokha, Chittorgarh, Dungarpur) |
Main Uses |
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Physical Traits |
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Size and Weight |
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Reproductive Traits |
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Population Trends | 2003: 200,000 2013: 507,915 (Based on Livestock Census) |
The Rajasthan Express: Magra Sheep Breed Information |
मगरा भेड़ का मूल स्थान और वितरण (Origins and Distribution of Magra Sheep) :
मगरा भेड़ (Magra Sheep) राजस्थान के बीकानेर , लूनकरणसर और नोखा तहसीलों में पायी जाती है। इसी कारण मग्र भेड़ को चकरी , बीकानेरी भी कहा जाता है। मगरा भेड़ें राजस्थान की गर्म परिस्थितियों में भी जीवित रहने की क्षमता रखती हैं और किसानों की आय और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
मगरा भेड़ की विशेषताएँ (Characteristics of Magra Sheep) :
शरीर (Body) :
- मगरा भेड़ें शरीर में मध्यम से बड़े आकार की होती हैं।
रंग (Colour) :
- इनका रंग सफेद होता है और चेहरे पर आँखों के चारों ओर भूरे धब्बे होते हैं, जो इस नस्ल की मुख्य पहचान है।
कान (Ear) :
- इनके कान छोटे से मध्यम आकार के और नलिकाकार होते हैं।
खुर (Hoof) :
- इनके खुर भूरे या भूरे और ग्रे रंग के मिश्रण के होते हैं।
सींग (Horn) :
- मगरा भेड़ में सींग अनुपस्थित होते है।
ऊन उत्पादन (Wool Production):
भारत में पशुधन की आबादी 20वीं पशुधन गणना के अनुसार :
1. कुल भेड़ों की संख्या:
- देश में भेड़ की कुल संख्या 74.26 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में 14.1 प्रतिशत ज्यादा है।
2. कुल बकरियों की संख्या:
- बकरी की कुल संख्या 148.88 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में 10.1 प्रतिशत अधिक है।
राजस्थान में पाई जाने वाले भेड़ की नस्ल (Sheep Breeds In Rajasthan):
- चोकला भेड़ (Chokla Sheep)
- मगरा भेड़(Magra Sheep)
- मारवाड़ी भेड़ (Marwari Sheep)
- मालपुरा भेड़ (Malpura Sheep)
- नाली भेड़ (Nali Sheep)
- सोनाड़ी भेड़ (Sonadi Sheep)
- पूंगल भेड़ (Pugal Sheep)
- जैसलमेरी भेड़ (Jaisalmeri Sheep)
- खेरी भेड़ (Kheri Sheep)
इस प्रकार, मगरा भेड़ राजस्थान की एक महत्वपूर्ण नस्ल है, जो अपनी अनूठी विशेषताओं और अनुकूलन क्षमता के कारण किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित हो रही है।
People Also Ask
भेड़ की देशी नस्ल कौन सी है?
भारत में वर्तमान में भेड़ो की कुल 44 पंजीकृत देशी नस्ल है। भारत में प्रमुख और महत्वपूर्ण भेड़ प्रजातियों में नेल्लोर, मांड्या, गेरोल, चोकला, पूंगल, सोनाड़ी, नाली, जैसलमेरी, मारवाड़ी, मालपुरा, मगरा, गड्डी/गद्दी, भाकरवाल, रामपुर बुशेर, छोटानागपुरी, कोयंबटूर, डेक्कनी, गंजाम, केंद्रपाड़ा, केंगुरी, खीरी, ब्लांगिरी, बेल्लारी, बोनपाला, नेल्लोर और कजली नस्लें शामिल हैं।
सबसे अच्छी भेड़ कौन सी है?
देशी नस्लों में सबसे अच्छी नस्ल कहलाती है “चोकला भेड़”, जिसे भारत की “मेरिनो” भी कहा जाता है।
बकरी जैसी भेड़ की नस्ल कौन सी है?
“नेल्लोर भेड़” को “बकरी जैसी भेड़” भी कहा जाता है।
कौन सी भेड़ नस्ल भारत की सरताज कही जाती है?
भारतीय भेड़ प्रजातियों में “चोकला भेड़” को सर्वोत्तम और सर्वश्रेष्ठ नस्ल माना जाता है। चोकला भेड़ में रोमन नाक पायी जाती है। चोकला भेड़ को भारत की “मेरिनो” कहा जाता है। देशी नस्लों में भेड़ की सबसे अच्छी नस्ल “चोकला भेड़” है।
भारत में चोकला भेड़ कहां पाई जाती है?
चोकला भेड़ भारत में राजस्थान के झुन्झुनू, चूरू, सीकर, बीकानेर, और नागौर जिलों में पाई जाती है।
राजस्थान में भेड़ की सबसे अच्छी नस्ल कौन सी है?
राजस्थान में भेड़ की सबसे अच्छी नस्ल “चोकला भेड़” है, जिसे राजस्थान की मेरिनो भी कहा जाता है।