“Exploring Anthrax: Causes, Symptoms, and Management of Anthrax Disease”

Anthrax: Understanding The Disease, Symptoms, and Types

Introduction :

एंथ्रेक्स एक जीवाणुजनित संक्रामक रोग है जो  Bacillus anthracis बैक्टीरिया  द्वारा होता है, मुख्य रूप से गाय, भैंस और भेड़ों में पाया जाता है। यह रोग भेड़ में अधिक पाया जाता है। एंथ्रेक्स का प्रसार गर्मी और आर्द्रता वाले दिनों में बैक्टीरिया के माध्यम से होता है। एंथ्रेक्स एक जूनोटिक रोग है, जिसका मतलब है कि यह पशुओं से मनुष्यों तक फैल सकता है।

Anthrax Synonyms: A Comprehensive Overview 

एंथ्रेक्स को विभिन्न नामों से जाना जाता है। एंथ्रेक्स रोग को मुख्यतः  तिल्ली बुखार (Spleenic Fever), Wool Sorter’s Diseases (ऊन छाटने वाला रोग), Hide Porter’s Disease, गिल्टी रोग, जहरी बुखार भी कहा जाता है।

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Etiology: Understanding the Causes and Origins 

  • Anthrax is caused by the bacterium “Bacillus Anthracis”, a Gram-Positive Rod-shaped bacterium.
  • ये जीवाणु रोगी पशु के रक्त व रोगी से होने डिस्चार्ज में पाये जाते है।
  • एंथ्रेक्स दूषित जल, मिट्टी, मक्खी और मांसाहारी पक्षियों के माध्यम से फैलता है।

Anthrax Discovery :

  • एंथ्रेक्स को 1876 में वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने खोजा। (Anthrax was discovered by scientist Robert Koch in 1876)

Symptoms Of Anthrax :

  • Anthrax infection manifests in animals in two forms:

1. Peracute Form Anthrax:

  • इस रूप से संक्रमित जानवर तेजी से मर जाते हैं,  कोई लक्षण दिखाई बिना ही 1 से 2 घंटे के भीतर। 
  • Peracute Form Anthrax की पहचान का मुख्य रूप से मृत्यु के पश्चात प्राकृतिक छिद्रो से (मुँह, योनि, गुदा और नाक) झागदार काला खून निकलने से होती है।
  • Peracute Form Anthrax के कारण ज्यादातर भेड़ो में मृत्यु होती है।
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2. Acute Form Anthrax:

  • इस एंथ्रेक्स में पशु एक से दो दिन तक बीमार रहता है ।
  • लक्षणों में जीभ, सीने, और पैरों में सूजन (Odema), उच्च बुखार (106-107°F), और खाना बंद  (एनोरेक्सिया) शामिल है। 
  • मृत्यु 1 से 2 दिनों के भीतर होती है।
  • Acute Form Anthrax में 1-2 दिन के अंदर मृत्यु हो जाती है।

Wool Sorter’s Disease:

  • एंथ्रेक्स एक जूनोटिक रोग है जो पशुओं से मनुष्य में फैलता है।मानव ऊन के संपर्क में आकर, भेड़ की त्वचा, हड्डियों या संक्रमित जानवरों के शवों से एंथ्रेक्स संक्रमण होता है। इसलिए, इसे इसीलिए इसे “ऊन छाटने वालों का रोग / Wool Sorter’s Disease” कहते है।

Causes of Death:

  • Death in anthrax-infected animals is primarily due to Renal Failure and Septicemic Shock.

Post-Mortem (PM) Changes:

  • जानवर की मौत के बाद सभी प्राकृतिक छिद्र जैसे नाक,
  • मुँह, गुदा, योनि में से काला झागदार ब्लड निकलना।
  • प्लीहा (Spleen) के आकार में बढ़ोतरी जिसे SpleenoMogaly कहा जाता है।
  • इस रोग से पीड़ित जानवरों में Rigor Mortis एब्सेंट होता है।

Key Considerations:

  • एंथ्रेक्स रोग में मृत जानावर का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता  क्योंकि एंथ्रेक्स रोग का जीवाणु वायवीय होता है। (Due to the bacterial spores being airborne, post-mortem examination of anthrax-infected animals is not performed.)
  • ऑक्सीजन मिलते ही स्पोर का निर्माण शुरू कर देता है। (Sporulation)
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Diagnosis:

  • Diagnosis is based on symptoms and differential diagnosis, ruling out conditions like Black Quarter, Snake Bite, H.S and Lead Poisoning.

Treatment:

Drug of Choice: Penicillin for Anthrax Treatment .

Vaccination:

  • Vaccines such as Pasteur Vaccine, Spore Vaccine, and Sterne Vaccine are available for anthrax prevention.

“Exploring Anthrax: Symptoms, Disease Overview, and Cutaneous Anthrax. Learn about anthrax symptoms and its characteristics for better understanding.”

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एंथ्रेक्स क्या है और इसकी पहचान कैसे की जाती है?
एंथ्रेक्स एक जीवाणुजनित संक्रामक रोग है जो Bacillus anthracis बैक्टीरिया द्वारा होता है। यह रोग मुख्य रूप से गाय, भैंस, और भेड़ों में पाया जाता है। इसकी पहचान मुख्य रूप से मृत्यु के पश्चात प्राकृतिक छिद्रो से (मुँह, योनि, गुदा और नाक) झागदार काला खून निकलने से होती है।

एंथ्रेक्स के क्या लक्षण होते हैं?
एंथ्रेक्स के लक्षण विभिन्न प्रकारों में देखे जा सकते हैं, जैसे लक्षणों में जीभ, सीने, और पैरों में सूजन (Odema), उच्च बुखार (106-107°F), और खाना बंद (एनोरेक्सिया) शामिल है। Anthrax की पहचान का मुख्य रूप से मृत्यु के पश्चात प्राकृतिक छिद्रो से (मुँह, योनि, गुदा और नाक) झागदार काला खून निकलने से होती है।

एंथ्रेक्स के कितने प्रकार होते हैं और उनके लक्षण क्या होते हैं?

 Anthrax infection manifests in animals in two forms:

1. Peracute Form Anthrax:

  • इस रूप से संक्रमित जानवर तेजी से मर जाते हैं,  कोई लक्षण दिखाई बिना ही 1 से 2 घंटे के भीतर। ‘
  • Peracute Form Anthrax की पहचान का मुख्य रूप से मृत्यु के पश्चात प्राकृतिक छिद्रो से (मुँह, योनि, गुदा और नाक) झागदार काला खून निकलने से होती है।
  • Peracute Form Anthrax के कारण ज्यादातर भेड़ो में मृत्यु होती है।

2. Acute Form Anthrax:

  • लक्षणों में जीभ, सीने, और पैरों में सूजन (Odema), उच्च बुखार (106-107°F), और खाना बंद  (एनोरेक्सिया) शामिल है। 
  • Acute Form Anthrax में 1-2 दिन के अंदर मृत्यु हो जाती है।

एंथ्रेक्स के क्या कारण होते हैं और यह कैसे फैलता है?
एंथ्रेक्स Bacillus Anthracis (Gram+ & Rod Shape Becteria) के माध्यम से होता है और यह गर्मी और आर्द्रता वाले दिनों में फैलता है, ज्यादातर भेड़ों में पाया जाता है। यह बैक्टीरिया दूषित जल, मिट्टी, मक्खी और मांसाहारी पक्षियों के माध्यम से फैलता है।

एंथ्रेक्स के उपचार में कौन-कौन सी दवाएं उपयोगी होती हैं?

एंथ्रेक्स के उपचार में पेनिसिलिन एक प्रमुख चयन होता है। अन्य दवाओं को भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि Oxytetracycline , Suplhonamide & Ampicilline High Dose।

एंथ्रेक्स रोग में मृत जानवर का पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया जाता है?
एंथ्रेक्स रोग में मृत जानवर का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है क्योंकि एंथ्रेक्स रोग का जीवाणु वायवीय होता है। यह रोगी जानवर से वायु में फैलता है, जिससे रोगी जानवर के शव में भी जीवाणु मौजूद हो सकते हैं। इससे जीवाणु का संपर्क किसी और जीव में भी हो सकता है, जिससे रोग फैल सकता है। इसलिए, रोगी जानवर का पोस्टमार्टम करना संभव नहीं होता है क्योंकि यह स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधित समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है।