बीकानेरी ऊँट की नस्ल (Bikaneri Camel Breed): विशेषताएँ, आवास, और उपयोगिता

 बीकानेरी ऊँट की नस्ल (Bikaneri Camel Breed)

बीकानेरी ऊँट की नस्ल भारत में प्रमुख एक-कूबड़ वाले ऊँटो की नस्लों में से एक है। यह ऊँट राजस्थान के ‘बीकानेर’ जिले में पाया जाता है, जिसे इसके नाम के साथ जाना जाता है। बीकानेरी ऊँट अपनी श्रेष्ठ बोझा ढोने की क्षमता और सहनशीलता के लिए प्रसिद्ध है। बीकानेरी ऊँट कृषि कार्यों और परिवहन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Bikaneri Camel Breed,बीकानेरी ऊँट की नस्ल,बीकानेरी ऊँट,indian camel , rajasthani camel.camel breeds

Bikaneri Camel Information

Conservation Status Not at Risk
Scientific Classification
  • Domain: Eukaryota
  • Kingdom: Animalia
  • Phylum: Chordata
  • Class: Mammalia
  • Order: Artiodactyla
  • Family: Camelidae
  • Genus: Camelus
  • Species: Camelus dromedarius
  • Binomial Name: Camelus dromedarius Linnaeus, 1758
Breed Type Indigenous Draught and Milk Camel
Alternate Names Bikaneri, Rajasthani Camel
Origin Bikaner District, Rajasthan, India
Distribution
  • Rajasthan: Bikaner, Ganganagar, Churu, Jhunjhunu, Sikar, Nagaur
  • Other Areas: Madhya Pradesh (adjoining regions)
Physical Traits
  • Color: Dark Brown
  • Humps: Well-developed and heavy
  • Height: 10–12 feet
  • Eyes: Protruding and bright
  • Tail: Black-tufted switch
  • Nose: Prominent, raised nose
  • Ears: Small, round ears
Climate Suitability Desert, Dry, and Tropical Climates
Primary Uses
  • Work: Draught
  • Food: Milk
  • Fibre: Hair
  • Dung: Manure
Diet
  • Guar, gram, wheat husk, sorghum, millet, oats
  • Perennial grasses like Sevan grass
  • Plants like Khejri, Babul, and Kair
Population Primarily Found in Rajasthan, Contributing to 70% of India’s Camel Population

बीकानेरी ऊँट का मूल स्थान और वितरण (Origin and distribution of Bikaneri Camel) :

बीकानेरी एक कूबड़ वाले ऊँटों (Single Hump Camel) की प्रमुख़ नस्ल है। बीकानेरी ऊँट की नस्ल का मूल स्थान राजस्थान के बीकानेर जिले में माना जाता है। बीकानेरी नस्ल के ऊँट मुख्यत : राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते है। बीकानेरी ऊँट की नस्ल सिन्धी और बलूची नस्ल के सकरण से प्राप्त की गई है।

बीकानेरी ऊँट का मूल स्थान और वितरण (Origin and distribution of Bikaneri Camel) : Map of Rajasthan Highlighting Bikaneri Camel Distribution

बीकानेरी ऊँट राजस्थान के बीकानेर जिले और  उसके सीमावर्ती इलाकों में पाया जाता है। इसके अलावा , बीकानेरी नस्ल के ऊँट राजस्थान के अन्य जिलों जैसे श्री गंगानगर, चुरू, झुंझुनू, सीकर और नागौर में भी पाई जाती है।

बीकानेरी ऊँटों की जलवायु अनुकूलता (Climate suitability of Bikaneri camels) :

बीकानेरी नस्ल के ऊँट मुख्य रूप से रेगिस्तानी, शुष्क और उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ये ऊँट रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए सबसे अधिक अनुकूल माने जाते हैं क्योंकि वे इन जलवायु परिस्थितियों में अच्छी तरह से जीवित रह सकते हैं और काम कर सकते हैं।

बीकानेरी ऊँट की पहचान (Identification of Bikaneri Camel) :

रंग (Colour) :

  • बीकानेरी ऊँटों का रंग गहरा भूरा होता है, जो इस नस्ल की विशेष पहचान है। विश्व के सबसे सुंदर ऊंट की नस्ल “बीकानेरी नस्ल के ऊँट ” है।

स्टॉप (Stop) : 

  • बीकानेरी ऊँटों की आंखों के ऊपर माथे पर एक गड्ढा पाया जाता है, जिसे ‘स्टॉप’ कहा जाता है। यह बीकानेरी ऊँट की प्रमुख विशेषता है। जैसलमेरी ऊँट में ‘स्टॉप अनुपस्थित होता है।

झिपरा (Zipra) : 

  • बीकानेरी ऊँटों में ‘झिपरा’ एक मुख्य विशेषता है, जो कि उनकी आँखों की पलकों और कानों (EyeLid , Ear) पर पाए जाने वाले काले बाल होते हैं।

ऊँचाई (Height): 

  • बीकानेरी ऊँटों की ऊँचाई लगभग 10 से 12 फुट तक होती है।

आंखें (Eye): 

  • इनकी आंखें चमकीली होती हैं और बाहर की ओर निकली होती हैं।

नाक (Nose) : 

  • ऊँटों की नाक ऊपर की ओर उभरी हुई होती है।

कान (Ear) : 

  • बीकानेरी ऊँटों के कान छोटे और गोलाकार होते हैं, जो इन्हें आकर्षक बनाते हैं।

कुबड़ (Hump) : 

  • इनकी कुबड़ सुविकसित और भारी होती है।

कूल्हे की हड्ड़ी (Hip Bone) :

  • बीकानेरी ऊँटों में कूल्हे की हड्डी (Pin Bone) उभरी हुई होती है।
पूँछ (Tail) :
  • बीकानेरी ऊँटों में पूँछ पर काले बालों का गुच्छा पाया जाता है।  जिसे Switch कहा जाता है।

बीकानेरी ऊँटों की उपयोगिता (Usefulness of Bikaneri Camels) :

बीकानेरी ऊँट कृषि कार्यों और परिवहन के लिए अत्यधिक उपयोगी माने जाते हैं। उनकी सहनशक्ति और अनुकूलन क्षमता उन्हें रेगिस्तानी इलाकों में आदर्श बनाती है।
 
Bikaneri Camel Breed,बीकानेरी ऊँट की नस्ल,बीकानेरी ऊँट,indian camel , rajasthani camel.camel breeds

भारत में ऊँटों की जनसंख्या :

  • भारत ऊँटों की जनसंख्या के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है। इस आबादी का मुख्य योगदान राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से आता है।
  • विशेष रूप से, राजस्थान ऊँटों की कुल जनसंख्या का 70% हिस्सा बनाता है, जबकि हरियाणा का योगदान 11% है।
  • इसके अलावा, पंजाब और गुजरात दोनों का योगदान 6% और 7% है। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य भी ऊँटों की आबादी को बढ़ाने में सहायक हैं।

बीकानेरी ऊँटों का पौष्टिक आहार :

  • बीकानेरी ऊँटों के आहार में पौष्टिक और स्थानीय वनस्पतियाँ प्रमुख भूमिका निभाती हैं। उन्हें आम तौर पर ग्वार, चने और गेहूं का भूसा, ज्वार, बाजरा और जई खिलाया जाता है।
  • इसके अलावा, ये ऊँट बारहमासी घासों जैसे सेवण घास और साइपरस रोटंडस (कोको-घास, जावा घास, नट घास) पर भी चरते हैं।
  • झाड़ियाँ जैसे फोग और केर के अलावा फोग घास , खेजड़ी , कीकर और जाल जैसे पेड़ भी उनके आहार का हिस्सा होते हैं, जिससे उनकी पोषण संबंधी जरूरतें पूरी होती हैं।
  • सेवण घास मुख्यत राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर आदि जिलों में पायी जाती है।

निष्कर्ष (Conclusion) : 

  • बीकानेरी ऊँटों की नस्ल अपने अनुकूलन, सहनशक्ति और उपयोगिता के लिए विशेष रूप से सराही जाती है। यह नस्ल राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में कृषि और परिवहन कार्यों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

People Also Ask

ऊंट की सबसे सुंदर नस्ल कौन सी है?
ऊंट की सबसे सुंदर नस्ल बीकानेरी ऊँट मानी जाती है। यह नस्ल अपनी गहरे भूरे रंग की कोट, भौंहों और कानों पर घने काले बालों, चमकीली आंखों के ऊपर गड्डा (Stop) के लिए प्रसिद्ध है। यह ऊँट दुनिया के सबसे सुंदर ऊँटों में से एक माना जाता है।
राजस्थान में ऊंट की नस्ल कौन कौन सी है?
राजस्थान में प्रमुख ऊंट की नस्लों में जैसलमेरी, बीकानेरी, मालवी, कच्छी, मेवाती, अफगानी, बागड़ी, सिंधी, खराई शामिल हैं। प्रत्येक नस्ल के ऊँट अपनी विशिष्ट विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं, जैसे कि सहनशीलता, जलवायु अनुकूलता, रंग और उपयोगिता।
ऊंट के बच्चे को क्या कहा जाता है?
ऊँट के नर बच्चे को “टोरडिया” (Tordia) व मादा बच्चे को “टोरडी” (Tordi) कहा जाता है।
नर और मादा ऊंटों को क्या कहते हैं?
नर ऊँट को “ऊँट” या “Maiya” कहा जाता है, जबकि मादा ऊँट को “ऊंटनी” या “Sand” कहा जाता है।
राजस्थान में सर्वाधिक ऊंट वाला जिला कौन सा है?
राजस्थान में सर्वाधिक ऊँट वाला जिला बीकानेर और जैसलमेर है। ये जिले ऊँटों की उच्चतम जनसंख्या और उनके समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाने जाते हैं।
बीकानेरी ऊँट की उत्पत्ति कहाँ से हुई है?
  • बीकानेरी ऊँट की नस्ल का मूल स्थान राजस्थान के बीकानेर जिले में माना जाता है। यह ऊँट मुख्य रूप से राजस्थान के बीकानेर जिले और उसके आस-पास के क्षेत्रों में पाया जाता है। बीकानेरी ऊँट की उत्पत्ति सिंधी और बलूची ऊँट नस्लों के संकरण से हुई है, जिससे इसे अनूठी विशेषताएँ प्राप्त हुईं।
  • इसके अलावा, यह ऊँट राजस्थान के अन्य जिलों जैसे श्री गंगानगर, चुरू, झुंझुनू, सीकर, और नागौर में भी देखा जा सकता है। ये ऊँट अपनी सहनशीलता, ऊँचाई, और बलवंत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।