लिंग सीमित लक्षण, लिंग प्रभावी लक्षण और लिंग सहलग्न लक्षण – समझें इनकी वंशागति।

लिंग सीमित लक्षण, लिंग प्रभावी लक्षण और लिंग सहलग्न लक्षण


Introduction

वंशागति और अनुवांशिकी की दुनिया में, लिंग सीमित लक्षण (Sex Limited Traits), लिंग प्रभावी लक्षण (Sex Influenced Traits), और लिंग सहलग्न लक्षण (Sex Linked Traits) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन लक्षणों के अध्ययन से हम यह समझ सकते हैं कि ये लक्षण माता-पिता से संतानों में कैसे स्थानांतरित होते हैं और इनकी अभिव्यक्ति में लिंग का क्या महत्व है।

लिंग सीमित लक्षण (Sex Limited Traits)


लिंग सीमित लक्षण (Sex Limited Traits)

जीन का स्थान

  • कायिक गुणसूत्रों पर जीन पाई जाती है।
  • ये लक्षण नर और मादा दोनों में पाए जाते हैं, लेकिन केवल एक लिंग में ही अभिव्यक्त होते हैं।

उदाहरण :

  1. दूध उत्पादन (केवल मादा में)
  2. वीर्य उत्पादन (केवल नर में)
  3. अंडा उत्पादन (मुर्गियों में)
  4. द्वितीयक लैंगिक लक्षण जैसे –
    • नर में: मांसपेशियों का विकास
    • मादा में: स्तन ग्रंथियों का विकास

विशेष टिप्पणी

  • मादा पशुओं के Udder में स्तन ग्रंथियों का विकास एस्ट्रोजन हार्मोन द्वारा और Aleovly का विकास प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन द्वारा होता है।

 

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लिंग प्रभावी लक्षण (Sex Influenced Traits)

जीन का स्थान

  • कायिक गुणसूत्रों पर जीन पाई जाती है।
  • यह लक्षण नर और मादा दोनों में होते हैं, लेकिन इनके अभिव्यक्ति में अंतर होता है।

उदाहरण

  1. मानव में गंजापन (Baldness Gene)

    • गंजापन जीनोटाइप और लिंग पर निर्भर करता है।
    • नर में: BB (Yes), bb (No), Bb (Yes)
    • मादा में: BB (Yes), bb (No), Bb (No)
  2. Genotype and Baldness

    जीनोटाइप नर में गंजापन मादा में गंजापन
    BB Yes Yes
    bb No No
    Bb Yes No
  3. आयरे-शायरे गाय में त्वचा का रंग

  4. डोरसेट भेड़ में Polled & Horned Condition

विशेष टिप्पणी

  • दुनिया की पहली क्लोन डोली भेड़ डोरसेट भेड़ की नस्ल थी।
  • दुनिया की पहली और दूसरी भैंस की क्लोन NDRI करनाल हरियाणा द्वारा तैयार की गई।

लिंग सहलग्न लक्षण (Sex Linked Traits)

जीन का स्थान

  • लिंग गुणसूत्रों पर जीन पाई जाती है।
    • X- सहलग्न जीन और Y- सहलग्न जीन

उदाहरण

  1. X- सहलग्न लक्षण

    • वर्णान्धता (Colour Blindness)
    • हीमोफीलिया (रक्त थक्का नहीं जमना)
  2. Y- सहलग्न लक्षण

    • Hypertrichosis (कान पर बाल का गुच्छा होना)
    • TDF Gene / SRY Gene (वृषण और लिंग निर्धारण)

अन्य उदाहरण

  • घोड़े में Cryptorchidism (Hidden Testis)
  • मुर्गियों में ब्रूडीनेस (Broodiness)
  • पोल्ट्री में पंखों का आना

Genotype and Baldness

Sex Limited, Sex Influenced, and Sex Linked Traits

Index Sex Limited Traits Sex Influenced Traits Sex Linked Traits
जीन कहाँ पायी जाती है – कायिक गुणसूत्रों पर जीन पायी जाती है। कायिक गुणसूत्रों पर जीन पायी जाती है। लिंग गुणसूत्रों पर जीन पायी जाती है।
X ,Y (X – सहलग्न , Y – सहलग्न )
वंशागति इसमें लक्षणों की वंशागति माता – पिता से होती है। इसमें लक्षणों की वंशागति माता – पिता से होती है। इसमें लक्षणों की वंशागति माता – पिता से होती है। लेकिन Y- गुणसूत्र की वंशागति सिर्फ नर यानी पिता से होगी।

वंशागति के प्रकार

  1. Criss Cross वंशागति

    • विपरीत लिंग से होती है।
    • उदाहरण: Male ➡ Female ➡ Male
  2. Non-Criss-Cross वंशागति

    • एक ही लिंग से होती है।
    • उदाहरण: FeMale ➡ Female ➡ FeMale (Halogenic), Male ➡ Male ➡ Male (Holandric)

Key Points :

  • Sire: जानवरों में नर पशु को “Sire” कहा जाता है। इसे झुंड का आधा (Half of The Herd) भी कहा जाता है।
  • Dam: जानवरों में मादा पशु को “Dam” कहा जाता है।

Conclusion

लिंग सीमित, लिंग प्रभावी, और लिंग सहलग्न लक्षणों के अध्ययन से हम समझ सकते हैं कि ये लक्षण माता – पिता से कैसे विरासत में मिलते हैं और उनकी अभिव्यक्ति में लिंग का क्या योगदान है। यह ज्ञान अनुवांशिकी और चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारे जीवन को बेहतर बनाने में सहायक है।


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