India’s First Great Indian Bustard Chick Hatched Through Artificial Insemination
भारत की सबसे गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB), जिसे गोडावण भी कहा जाता है, शामिल है। इसी के चलते राजस्थान सरकार ने 1981 में गोडावण को राज्य पक्षी घोषित किया। गोडावण को ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) के नाम से भी जाना जाता है। इस संकटग्रस्त प्रजाति को संरक्षित करने के लिए हाल ही में जैसलमेर में राष्ट्रीय संरक्षण प्रजनन केंद्र में कृत्रिम गर्भाधान (AI) तकनीक का उपयोग कर एक गोडावण चूजे का जन्म हुआ। यह देश में गोडावण को बचाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कृत्रिम गर्भाधान भारत में गोडावण पक्षी पर किया गया पहला सफल प्रयास है, जो वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भारत की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
हाल ही में जैसलमेर में राष्ट्रीय संरक्षण प्रजनन केंद्र में कृत्रिम गर्भाधान (AI) तकनीक का उपयोग कर एक गोडावण चूजे का जन्म हुआ। यह देश में गोडावण को बचाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कृत्रिम गर्भाधान भारत में गोडावण पक्षी पर किया गया पहला सफल प्रयास है। #GIB #animal pic.twitter.com/M1y9jOU2WP
— The Rajasthan Express (@RajasthanExpres) October 26, 2024
कृत्रिम गर्भाधान (AI) का इतिहास
विश्व में पहली बार AI:
- दुनिया में पहली बार पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान (AI) इटली में किया गया था। 1780 में, इटली के लाज्ज़ारो स्पैलान्ज़ानी (Lazzaro Spallanzani) ने सबसे पहले एक कुतिया पर कृत्रिम गर्भाधान किया। इस क्रत्रिम गर्भादान के परिणामस्वरूप उस कुतिया ने तीन पिल्लों को जन्म दिया।
भारत में पहली बार AI:
- भारत में पहला कृत्रिम गर्भाधान 1939 में डॉ. संपत कुमारन द्वारा पैलेस डेयरी फार्म, मैसूर, कर्नाटक में किया गया था, जिसमें हेलिकर गाय में होल्स्टीन फ्राइज़ियन (HF) नर सांड का सीमेन उपयोग किया गया था।
भैंस में पहली बार AI:
- भैंस में पहली बार कृत्रिम गर्भाधान 1943 में इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया।
मानव में पहली बार AI:
- मानव प्रजाति में पहला कृत्रिम गर्भाधान 1770 में स्कॉटिश सर्जन जॉन हंटर द्वारा किया गया था, और 1790 में उन्होंने इस तकनीक के बारे में दुनिया को जानकारी दी।
“India achieves a historic milestone in wildlife conservation with the birth of the first Great Indian Bustard chick through artificial insemination at Jaisalmer Breeding Centre.”