Marwari Horse : Distribution, Breeding, and Unique Characteristics.

 Marwari Horse: The Brave and Loyal Steeds of Rajasthan

मारवाड़ी घोड़ा, जिसे मालानी के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र की एक प्रमुख नस्ल है। राजस्थान का मारवाड़ी घोडा भारत का सबसे सुन्दर घोड़े की नस्ल है। महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की नस्ल 'मारवाड़ी घोडा' थी। यह नस्ल अपनी बहादुरी, वफादारी और सहनशीलता के कारण पुरे भारत में  प्रसिद्ध है।  मारवाड़ी घोड़े का एक समृद्ध इतिहास है जो राजपूत शासकों से जुड़ा है जिन्होंने उन्हें घुड़सवार सेना की आवश्यकताओं के लिए चुनिंदा रूप (Selective Breeding) से पाला था। आज, ये घोड़े न केवल अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए बल्कि अपनी अनुकूलता और अनोखी शारीरिक विशेषताओं के लिए भी सराहे जाते हैं।

Marwari Horse: "Marwari horse standing in a desert landscape, showcasing its unique features."

Origin of Marwari Horse (मारवाड़ी घोड़े का जन्म स्थान)

मारवाड़ी घोड़ा राजस्थान के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों से उत्पन्न होता है, जहाँ बाड़मेर जिले का मालानी क्षेत्र प्रजनन के लिए केंद्र है। मारवाड़ी घोड़े का जन्म स्थान मालानी नामक क्षेत्र में है, जो मारवाड़ के बाड़मेर जिले का हिस्सा है, नगर, गुढ़ा, जसोल, सिणधरी, बाखासर, पोसाना, बड़गांव, दासपां गांवों और जालौर जिले के सांचौर तहसील के कुछ क्षेत्रों और उत्तरी गुजरात के कुछ क्षेत्र में है । राजपूत शासकों द्वारा अपनी घुड़सवार सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किए गए चयनात्मक प्रजनन (Selective Breeding) के माध्यम से मारवाड़ी घोड़े का विकास हुआ। इस नस्ल पर मध्य एशिया के तुर्कमान घोड़ों और संभवतः अलेक्जेंडर की सेना के घोड़ों का प्रभाव है। मारवाड़ी नाम राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र के नाम पर रखा गया है। मारवाड़ी घोड़ा शुरू में घुड़सवार सेना की मांगों को पूरा करने के लिए विकसित किया गया था, जिससे इसकी मजबूती और फुर्तीली क्षमता से पुरे भारत में प्रसिद्ध हुआ।

Breed of Marwari Horse

General Info.
  • Kingdom: Animalia
  • Phylum: Chordata
  • Class: Mammalia
  • Order: Perissodactyla
  • Family: Equidae
  • Genus: Equus
  • Species: E. ferus
  • Subspecies: E. f. caballus
  • Species: Horse
Synonym
  • Malani
Breeding Tract
  • Rajasthan: Ajmer, Barmer, Jhunjhunu, Pali, Sikar, Udaipur
  • Gujarat: Banaskantha, Mehsana
Main Use
  • Socio-cultural: Games, religious ceremonies
  • Work: Riding, sports, police chargers, ceremonial, marriage
Origin Malani ,Barmer District
Adaptability Arid and semi-arid environments
Colour
  • Dark Brown (Musky)
  • Bay (Kumet)
  • Dark Bay (Telia Kumet)
  • Chestnut (Surang)
  • Dun (Champa)
  • Grey (Swet)
  • Fleabitten Grey (Kagra)
  • Skewbald (Lal Ablak)
  • Pie Bald (Kala Ablak)
Male Height (Avg cm) 156
Female Height (Avg cm) 154
Male Weight (Avg kg) 361
Female Weight (Avg kg) 339
Management System Intensive
The Rajasthan Express: Your Guide to Animal Health

Distribution of Marwari Horse (वितरण क्षेत्र)

मारवाड़ी घोडा राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में पाया जाता है। राजस्थान के उदयपुर , बाड़मेर , जालोर , राजसमन्द आदि जिलों में मारवाड़ी नस्ल के घोड़े देखने को मिलते है। 

Alternative Name of Marwari Horse (मारवाड़ी घोड़े के अन्य नाम)

बाड़मेर जिले के गुडामालानी क्षेत्र में मारवाड़ी घोड़े का प्रजनन केंद्र है। गुडामालानी को मालानी के नाम से जाता है। इसी प्रजनन केंद्र के नाम से मारवाड़ी घोड़े को मालानी घोड़े के नाम से जाना जाता है।

Malani Horse: "Malani horse, a rare breed from Rajasthan, grazing in a field."

Breeding Tract of Marwari Horse

मारवाड़ी घोड़े मुख्य रूप से राजस्थान के कई जिलों में पाले जाते हैं, जिनमें अजमेर, बाड़मेर, जोधपुर , झुंझुनू, पाली, सीकर, और उदयपुर शामिल हैं। बाड़मेर जिले के मालानी क्षेत्र में मारवाड़ी घोड़ों के प्रजनन का केंद्र है। ये घोड़े गुजरात के बनासकांठा और मेहसाणा जिलों में भी पाए जाते हैं, जो राजस्थान की सीमावर्ती हैं।

Main Uses of Marwari Horse 

पारंपरिक रूप से, मारवाड़ी घोड़ों का उपयोग सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे खेल और धार्मिक समारोहों में किया जाता रहा है। आधुनिक समय में, उन्हें खेल, भारतीय सुरक्षा बलों, पुलिस कार्य, औपचारिक उद्देश्यों और व्यक्तिगत आनंद के लिए पाला जाता है।

Physical Characteristics of Marwari Horse (मारवाड़ी घोड़े की पहचान)

शरीर का रंग (Body Colour)
  • मारवाड़ी घोड़े के कोट के कई रंग होते हैं, जिनमें गहरा भूरा (मस्की), बे (कुमेत), चेस्टनट (सुरंग), डन (चम्पा), ग्रे (स्वेत) और अधिक शामिल हैं।
  • मारवाड़ी घोड़े सामन्यत बड़े व् सुन्दर होते है। मारवाड़ी घोडा भारत का सबसे सुन्दर घोड़े की नस्ल है।
कान (Ear)
  • मारवाड़ी घोड़े की सबसे आकर्षक विशेषताओं में से एक उसकी अंदर की ओर घुमावदार कान हैं, जो 180 डिग्री घूम सकते हैं। घुमावदार कान ही मारवाड़ी घोड़े की मुख्य पहचान है। 
सिर (Head and Forlock)
  • इन घोड़ों का सिर लंबा होता है, मुलायम नथुना, चपटा और चौड़ा माथा होता है, और नाक की हड्डी चपटी और लंबी होती है। 
Marwari Horse Colors: "Diverse colors of Marwari horses, including bay, grey, and chestnut."

Average Measurements

  • Height: Males - 156 cm, Females - 154 cm
  • Body Length: Males - 154 cm, Females - 153 cm
  • Heart Girth: Males - 169 cm, Females - 171 cm
  • Weight: Males - 361 kg, Females - 339 kg

Key Points 

1. चयनात्मक प्रजनन (Selective Breeding) :
  • यह आउट क्रासिंग का ही एक प्रकार है। इसमें एक ही झुण्ड में से चयनित नर का असबन्धित मादा के साथ प्रजनन करवाया जाता है। राजस्थान में वर्तमान में चयनात्मक प्रजनन सबसे ज्यादा काम में लिया जाता है।
2. Horse Body Part :

Mane :
  • घोड़े की गर्दन पर पाए जाने वाले घने बालों को Mane कहते है। 
Forlock : 
  • घोड़े के माथे पर पाए जाने वाले घने बालों को Forlock कहते है। 
3. Horse - Related Terminology:
  • Chevaline : घोड़े के मांस को Chevaline कहा जाता है। 

  • Foaling: घोड़ी में ब्याने की क्रिया / प्रसव क्रिया को Foaling कहा जाता है। घोड़ी का गर्भकाल 11 माह 11 दिन / 341 दिन का होता है। 

  • Covering : घोड़ी में समागम की क्रिया को Covering कहा जाता है। 

  • Mare : वयस्क मादा घोड़ी को Mare कहा जाता है। 

  • Foal : घोडी के नवजात बच्चे को Foal कहते है। 

  • Colt : जवान नर घोड़े को colt कहा जाता है। 

  • Filly : जवान मादा घोड़ी को Filly कहा जाता है। 

  • Pack : घोड़ों के समूह को Pack कहा जाता है। 

  • Stable : घोड़ों के आवास को Stable कहा जाता है। 

  • Stallion / Stud : वयस्क नर घोड़े को Stallion / Stud कहा जाता है। 

  • Geld / Gelding: बधियाकरण किये हुए नर घोड़े को Geld / Gelding कहा जाता है। 

  • Brood Mare : ऐसी घोड़ी जिसे प्रजनन के लिए रखा जाता है।  

Adaptability and Use

  • राजस्थान की कठोर जलवायु के अनुकूल, मारवाड़ी घोड़े ने अपनी पतली त्वचा को वातावरण के प्रति अनुकूल बनाया है जो इसे निर्जलीकरण (Dehydration) के बिना गर्मी और ठंड दोनों से सुरक्षा करती है।
  • इसकी अच्छी तरह से विकसित गंध और सुनने की क्षमता विशेष रूप से रेगिस्तानी वातावरण में फायदेमंद होती है। 

Population and Conservation (मारवाड़ी घोड़ों की जनसंख्या)

मारवाड़ी घोड़े की जनसंख्या महत्वपूर्ण वर्द्धि देखने को मिली सन 1997 में अनुमानित 500 घोड़ों से, जनसंख्या 2001 तक 5,000 तक बढ़ गई और वर्ष 2013 तक 38,696 तक पहुंच गई। यह वृद्धि मारवाड़ी नस्ल के महत्व और जोधपुर में मारवाड़ी घोड़ा सोसाइटी  और उदयपुर में चेतक घोड़ा सोसाइटी जैसी संगठनों के प्रयासों का प्रमाण है, जो इस अनोखी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम कर रहे हैं।

Explore the Marwari horse, a resilient and elegant breed from Rajasthan, known for its unique features and cultural significance. Learn about its history, characteristics, and modern uses.

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मारवाड़ी घोड़े की पहचान कैसे करें?
मारवाड़ी घोड़ा, जिसे मालानी के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र की एक प्रमुख नस्ल है। यह नस्ल अपनी बहादुरी, वफादारी और सहनशीलता के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इन घोड़ों की सबसे आकर्षक विशेषताओं में से एक उनकी अंदर की ओर घुमावदार कान हैं, जो 180 डिग्री घूम सकते हैं।
राजस्थान का सबसे अच्छा घोड़ा कौन सा है?
राजस्थान का मारवाड़ी घोड़ा भारत का सबसे सुंदर घोड़े की नस्ल है। महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की नस्ल 'मारवाड़ी घोड़ा' थी, जो अपनी बहादुरी के लिए प्रसिद्ध है।
मारवाड़ी घोड़ों में क्या खास है?
मारवाड़ी घोड़ों की विशेषता उनकी अनोखी शारीरिक विशेषताएं, जैसे घुमावदार कान और अनुकूलता है। वे राजस्थान की कठोर जलवायु के अनुकूल होते हैं और उनके पास अच्छी गंध और सुनने की क्षमता होती है।
भारत में सबसे अच्छा घोड़ा कौन सा है?
भारत में सबसे अच्छा घोड़ा मारवाड़ी नस्ल का माना जाता है। यह अपनी बहादुरी और वफादारी के लिए प्रसिद्ध है और राजपूत शासकों द्वारा घुड़सवार सेना के लिए पाला गया था।
भारत के सबसे सुंदर घोड़े का नाम क्या है?
भारत के सबसे सुंदर घोड़े का नाम मारवाड़ी घोड़ा है, जो अपनी अनोखी शारीरिक विशेषताओं और बहादुरी के लिए जाना जाता है।
मारवाड़ी घोड़े की हाइट कितनी होती है?
मारवाड़ी घोड़ों की औसत ऊंचाई मादाओं के लिए 154 सेंटीमीटर और नर के लिए 156 सेंटीमीटर होती है।