Understanding Brucellosis: Causes, Symptoms, and Treatment
Introduction :
बरुसेलोसिस एक गंभीर रोग है जो दुधारू पशुओं को प्रभावित करता है। इस रोग के कारण गर्भित पशु के अंतिम ट्राइमेस्टर में गर्भपात हो जाता है। इस रोग से पशु की प्रजनन क्षमता भी कम हो जाती है। बरुसेलोसिस एक जूनोटिक रोग है जो पशुओं से मनुष्य में फैलता है।
Synonyms:
Brucellosis is known by several synonyms, including Malta Fever, Undulant Fever, and Bang’s Disease.
Etiology of Brucellosis:
- बरुसेलोसिस, एक संक्रामक बीमारी जो प्रमुख रूप से पशुओं को प्रभावित करती है, विभिन्न प्रकार की ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होती है।
- Burcella Abortus एक Gram – Negative Becteria है।
- गायों और भैंसों में, यह अधिकांशतः Brucella Abortus बैक्टीरिया के कारण होती है, जबकि सूअरों में, Brucella Suis, और कुत्तों में, Brucella Canis जिम्मेदार होते हैं।
What is Brucellosis ?
बरुसेलोसिस एक जूनोटिक रोग है, जिसका कारण ब्रुसेला नामक बैक्टीरिया होता है। यह रोग गाय, भैंस, सूअर, बकरी, भेड़, और कुत्तों में पाया जा सकता है और इसके कई प्रकार होते हैं। बरुसेलोसिस के लक्षण मुख्यतः गर्भपात, जेर की स्थिति, पेरों के जोड़ों में सूजन, और अंडकोषों में सूजन जैसे होते हैं। इसका उपचार केवल संक्रामक रोगों को रोकने के लिए वैक्सीनेशन और सावधानियों का पालन है।
Transmission of Brucellosis :
बरुसेलोसिस का प्रसार मुख्यतः दूषित पानी और योनि स्राव, घाव, और यौन संपर्क (Sexual Relationship) के माध्यम से होता है। इसके अलावा, संक्रमित जेर, मक्खियाँ, चिंचङे, और मांसाहारी पक्षियों के द्वारा भी बरुसेलोसिस का प्रसार हो सकता है। जानवरों के दुग्ध को बिना गर्म किये उपयोग करने और जेर को बाहर निकालते समय सावधानी न बरतने से (स्लीव का प्रयोग न करने से )।
Symptoms of Brucellosis :
1. गर्भपात (Abortion) in Cattle:
- बरुसेलोसिस रोग के प्रमुख पहचान, गाय और भैंसों में गर्भपात के रूप में दिखाई देता है, विशेषकर छठे महीने (Last Trimester) के बाद।
2. ROP की स्थिति (ROP Condition):
- गर्भावस्था के बाद, जेर (Placenta) का गर्भाशय में अटकना और जेर का चमड़े जैसा होना बरुसेलोसिस के संकेत के रूप में माना जाता है।
3. पेरों के जोड़ों में सूजन (Swelling in Joints):
- पेरों के जोड़ों में सूजन को Hygroma कहलाते हैं। यह पशु के पेरों के जोड़ों में असामान्य सूजन का एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
4. अंडकोषों में सूजन (Swelling in Testicles):
- बरुसेलोसिस रोग के नर पशुओं में अंडकोषों में सूजन का प्रकट होना और प्रजनन क्षमता में कमी आना बरुसेलोसिस के संकेत के रूप में माना जाता है।
5. Arthritis in Horses:
- घोड़ों में Arthritis का होना बरुसेलोसिस का लक्षण हो सकता है, जो उनकी सेहत के लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है।
Diagnosis of Brucellosis :
- To identify the presence of Brucellosis, thorough diagnostic measures are essential. Here’s an insight into the diagnostic procedures along with some differential diagnoses:
1. Abortion and ROP History:
- The history of abortion and Retained Fetal Membranes (ROP) in animals serves as a crucial pointer towards Brucellosis.
2. Placental Examination:
- Post-abortion, examining the placenta for its leather-like (चमड़े जैसा होना) appearance is indicative of Brucellosis infection.
3. Vaginal Discharge Test:
- Conducting a vaginal discharge test aids in detecting any abnormal secretions that could be associated with Brucellosis.
4. Brucella Ring Test:
- The Brucella Ring Test is a serological test used to detect the presence of Brucella antibodies in blood serum, indicating exposure to the bacteria.
5. Abortus Bang Ring Test (ABRT):
- ABRT is another diagnostic tool used to identify Brucella antibodies in animals, particularly cattle, following an abortion event.
6. Milk Ring Test:
- Testing milk samples using the Milk Ring Test helps in detecting Brucella contamination, particularly in dairy animals.
7. Rose Bengal Plate Test (RBPT):
- RBPT is a screening test for Brucellosis that identifies antibodies produced in response to Brucella infection.
Differential Diagnosis Of Brucellosis :
- Apart from Brucellosis, several other conditions exhibit similar symptoms, including:
1. Trichomoniasis:
- Occurring within 2 to 4 months of gestation. (इसमें गर्भपात 2 से 4 महीने के अंदर होता है।)
2. Vibriosis:
- Typically causing abortion in the 5th to 6th month of pregnancy. (इसमें गर्भपात गर्भकाल के 5 – 6 महीने में होता है।)
3. Listeriosis:
- Associated with abortion occurring around the 7th month of gestation. ( इसमें गर्भपात 7 महीने में होता है।)
4. Leptospirosis:
- Known to cause abortion around the 6th month of pregnancy. (इसमें गर्भपात 6 महीने में होता है।)
Treatment and Management :
बरुसेलोसिस रोग का कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है, जिसका मतलब है कि वर्तमान में ड्रग्स से इस रोग का पूर्ण इलाज नहीं है। हालांकि, स्ट्रेप्टोमायसिन बरुसेलोसिस के इलाज में सबसे अधिक प्रभावी दवा है।
No Effective Treatment
Drug Of Choice for Brucellosis : Streptomycin Antibiotic .
- Streptomycin is considered the primary drug of choice for the treatment of Brucellosis. It is the most effective antibiotic against Brucella bacteria and is often prescribed to manage and alleviate symptoms associated with this infection.
Vaccination Against Brucellosis :
- ब्रुसेलोसिस एक बीमारी है जिसका कोई प्रभावी इलाज नहीं है, इसलिए इसे निवारण के लिए टीकाकरण का महत्व बढ़ाता है।
- ब्रुसेलोसिस वैक्सीन सामान्यतः प्रयोग की जाती है, वह है कॉटन स्ट्रेन – 19 स्ट्रेन वैक्सीन ( Cotton Strain – 19 Strain Vaccine.)।
- 6 महीने की उम्र की बछड़ियों में टीकाकरण किया जाता है।
Precautions for Animal Handling :
1. Use of Protective Gear :
- गर्भाशय से प्लेसेंटा को हटाते समय हमेशा स्लीव पहनें। इसके अलावा, नुकसानकारक पैथोजनों को सांस न लेने के लिए मास्क पहनना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
2. Hand Hygiene :
- प्लेसेंटा या किसी भी संक्रमित सामग्री को हैंडल करने के बाद, अपने हाथों को तेज़ी से एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन से साफ़ करें, ताकि संक्रमण का फैलाव न हो ।
3. Early Detection :
- यदि पशु चिकत्सक में बरुसेलोसिस के किसी भी लक्षणों का पता चलता है, तो बीमारी की मौजूदगी की पुष्टि के लिए स्वास्थ्य संबंधित परीक्षण या ब्रुसेला टेस्ट (Brucella Test) करवाना महत्वपूर्ण है।
Transmission of Brucellosis to Humans:
1. Avoiding Unpasteurized Products :
- रोगी जानवर के दुग्ध के को बिना गर्म किये उपयोग में लेने से।
2. Contact with Discharges :
- रोगी पशु के डिस्चार्ज के सम्पर्क में आने से।
3. Protective Measures During Animal Handling:
- पशु में अपरा को बाहर निकालते समय स्लीव का प्रयोग न करने से।
Symptoms of Brucellosis in Humans:
1. Fever:
- शुरुआत के अंदर रोगी को तेज बुखार (101-105°F)। मानव में बरुसेलोसिस को Malta Fever / Undulant Fever भी कहते है।
2. Joint Pain and Swelling:
- मानव में एक विशेष लक्षण देखने को मिलता है जिसमे रोगी व्यक्ति को रात के समय अधिक पसीना आता है।
4. Reproductive Issues:
- रोगी के अंडकोष में सूजन आना, Sexual Disorder / नपुंसक भी हो सकता है।
“Understanding Brucellosis: Causes, Transmission, Prevention Strategies, and Treatment. Learn about symptoms and effects of brucellosis in cattle and humans, also known as undulant fever.”
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गायों में ब्रूसेलोसिस का क्या कारण है?
ब्रूसेलोसिस गायों में ब्रूसेला एबॉर्टस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो प्रसवकाल में गर्भपात और प्रजनन क्षमता में कमी का कारण बन सकता है।
पशुओं में ब्रूसेलोसिस के लक्षण क्या होते हैं?
ब्रूसेलोसिस के लक्षण पशुओं में गर्भपात, गर्भावस्था के बाद, जेर (Placenta) का गर्भाशय में अटकना और जेर का चमड़े जैसा होना, पेरों के जोड़ों में सूजन, और अंडकोषों में सूजन शामिल हो सकते हैं।
मनुष्यों में ब्रूसेलोसिस कैसे प्रसारित होता है?
ब्रूसेलोसिस मुख्यत: रोगी जानवर के दुग्ध के को बिना गर्म किये उपयोग में लेने से, पशु में अपरा को बाहर निकालते समय स्लीव का प्रयोग न करने से, योनि का स्राव, चोट, और यौन संबंध के माध्यम से मनुष्यों में प्रसारित होता है।
ब्रूसेलोसिस को रोकने के लिए कोनसी वैक्सीन लगाई जाती है ?
ब्रूसेलोसिस को रोकने में टीकाकरण का महत्वपूर्ण योगदान होता है, जिसमें कॉटन स्ट्रेन – 19 स्ट्रेन वैक्सीन शामिल है।
मनुष्यों में ब्रूसेलोसिस के लक्षण क्या होते हैं?
मनुष्यों में ब्रूसेलोसिस के लक्षण में तेज बुखार, जोड़ों में दर्द और सूजन, रात के पसीने का अधिक होना, और प्रजनन संबंधित समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
Brucellosis की Drug Of Choice क्या है ?
Drug Of Choice for Brucellosis : Streptomycin Antibiotic .